टेक्नोलॉजी से जुड़ी जानकारी देने वाली वेबसाइट Xpertpick द्वारा हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया है कि Vivo ने अपने स्मार्टफोन के कैमरा डेकोरेटिव रिंग के लिए एक नया पेटेंट हासिल किया है। यह पेटेंट स्मार्टफोन इंडस्ट्री में सामान्य रूप से इस्तेमाल होने वाले ग्लू-बॉन्डिंग के पारंपरिक तरीके से एक बड़ा बदलाव है। 25 नवंबर को जारी पेटेंट डॉक्यूमेंट में वीवो के द्वारा पेश किए गए एक पूरी तरह से मैकेनिकल समाधान का विवरण है, जिसमें कैमरा लेंस रिंग को चिपकाने के बजाय प्रिसिजन स्नैप-फिट कंपोनेंट्स के जरिए सुरक्षित किया जाएगा।

पेटेंट में दिखाए गए इलस्ट्रेशन के अनुसार, वीवो अपने स्मार्टफोन में फोन हाउसिंग और लेंस रिंग के बीच मेटिंग प्रोट्रूशियंस, लिमिटिंग स्ट्रक्चर्स और इलास्टिक क्लैंपिंग एलिमेंट्स का उपयोग करेगा। जब एक इलास्टिक कंपोनेंट के माध्यम से दबाव डाला जाएगा, तो डेकोरेटिव रिंग स्वचालित रूप से अपनी जगह पर लॉक हो जाएगी। इस सिस्टम के लागू होने से कैमरा मॉड्यूल को असेंबल करने का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा, और अब यह केमिकल एडहेज़न के बजाय फिजिकल तरीके से जुड़ा रहेगा।

वीवो क्यों बदल रहा है ग्लू-बॉन्डिंग तकनीक?
वीवो का उद्देश्य एडहेसिव (ग्लू) से जुड़ी पुरानी रिलायबिलिटी समस्याओं को हल करना है। स्मार्टफोन का तापमान बढ़ने पर एडहेसिव जल्दी टूट सकता है, जिससे लेंस रिंग ढीली हो जाती है या पूरी तरह से अलग हो सकती है।

नई मैकेनिकल लॉकिंग तकनीक के कई फायदे हैं:
- अधिक तापमान पर बेहतर स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी
- कैमरा मॉड्यूल की बेहतर ड्यूरेबिलिटी
- आसान रखरखाव, क्योंकि कंपोनेंट्स को बिना गर्म किए या ग्लू हटाए बिना बदला जा सकता है
- अधिक सटीक असेंबली और अलाइनमेंट
- संभावित रूप से अधिक उत्पादन दर
- कम मैन्युफैक्चरिंग और बिक्री के बाद की मरम्मत लागत
यदि वीवो इस तकनीक को अपने स्मार्टफोन में लागू करता है, तो यह स्मार्टफोन कैमरा निर्माण में एक महत्वपूर्ण बदलाव हो सकता है और भविष्य में इसे इंडस्ट्री द्वारा बड़े पैमाने पर अपनाया जा सकता है।




