अगर आपने अभी तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल नहीं किया है, तो आपके पास अब कुछ हफ़्तों की राहत जरूर है—but beware! राहत के चक्कर में लापरवाही भारी पड़ सकती है। जी हां, सरकार ने भले ही ITR भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी हो, लेकिन अगर आपने रिटर्न भरते समय कुछ आम गलतियां कर दीं, तो सीधे पेनल्टी, टैक्स नोटिस या री-फाइलिंग जैसे झंझटों में फंस सकते हैं।
आयकर विभाग की नजर इस बार बेहद पैनी है। अगर आपकी सालाना आय पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत ₹2.5 लाख और नई टैक्स व्यवस्था के तहत ₹3 लाख से ज़्यादा है, तो ITR फाइल करना अनिवार्य है—चाहे आपको टैक्स देना हो या नहीं।
आइए जानते हैं वो 10 गलतियां जो 2025 में ITR भरते समय भूलकर भी ना करें, वरना पछताना तय है—
1. गलत ITR फॉर्म चुनना
हर टैक्सपेयर्स के लिए अलग फॉर्म होता है। अगर आपने गलत फॉर्म से रिटर्न फाइल किया तो Income tax विभाग आपकी ITR को ‘defective return’ घोषित कर सकता है। जैसे ITR-1 सिर्फ उन्हीं के लिए है जिनकी सैलरी ₹50 लाख से कम है और जिनके पास कोई कैपिटल गेन नहीं है।
2. ITR फाइल करके वेरीफाई करना भूल जाना
आईटीआर भरना ही काफी नहीं, उसे वेरीफाई करना भी जरूरी है। अगर आपने ई-वेरिफिकेशन नहीं किया तो यह माना जाएगा कि आपने रिटर्न फाइल किया ही नहीं।
3. गलत असेसमेंट ईयर डालना
2025 में रिटर्न भरते समय आपको Assessment Year 2025-26 ही चुनना है। गलती से कोई और ईयर भरने पर आपको नोटिस भी आ सकता है और रिटर्न अमान्य हो सकता है।
4. नाम-पता-PAN नंबर जैसी बेसिक डिटेल्स में गलती
नाम, जन्मतिथि, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, पैन नंबर या बैंक अकाउंट डिटेल्स में ज़रा सी चूक बड़ी परेशानी बन सकती है। रिफंड समय पर नहीं मिलेगा और नोटिस आ सकता है।
5. इनकम छुपाना
सिर्फ सैलरी ही नहीं, बचत खाते का ब्याज, फिक्स्ड डिपॉजिट पर इंटरेस्ट, किराये की आमदनी और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन जैसी सभी इनकम भी ITR में दिखाना जरूरी है। नहीं तो पेनल्टी तय है।
6. गलत फॉर्मेट में जानकारी भरना
ITR फॉर्म में जानकारी भरने का तय प्रारूप होता है। उससे हटकर या उलझे हुए ढंग से भरने पर सॉफ्टवेयर गलती पकड़ लेता है और रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है।
7. टैक्स रिजीम का गलत चुनाव
नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था में अंतर समझे बिना चुनाव करना भारी पड़ सकता है। सही छूट और लाभ पाने के लिए सोच-समझकर विकल्प चुनें।
8. छूट का दावा करना भूल जाना
अगर आपने कैपिटल गेन अर्जित किया है और सेक्शन 54, 54EC या 54F के तहत छूट लेने के योग्य हैं, तो उसका लाभ ज़रूर उठाएं। वरना गैरज़रूरी टैक्स चुकाना पड़ सकता है।
9. टैक्स विभाग के नोटिस को नजरअंदाज करना
कोई भी नोटिस अगर मिला हो, तो समय रहते जवाब देना जरूरी है। वरना बाद में कानूनी कार्रवाई या पेनल्टी झेलनी पड़ सकती है।
10. एडवांस टैक्स नहीं भरना
अगर आपकी टैक्स देनदारी सालभर में ₹10,000 से अधिक बनती है, तो एडवांस टैक्स समय पर भरना जरूरी है। वरना हर महीने 1% ब्याज लगकर जुर्माना बढ़ता चला जाएगा।
निष्कर्ष
ITR फाइल करना सिर्फ एक फॉर्म भरने का काम नहीं, बल्कि नियमों के अनुरूप हर डिटेल की जिम्मेदारी है। एक भी गलती महंगी साबित हो सकती है।
इसलिए अगर अभी तक आपने ITR नहीं भरा है, तो देर न करें। अंतिम तारीख का इंतजार नहीं, सही तरीके से फॉर्म भरें, वेरीफाई करें और डिटेल्स दोबारा जांच लें। नहीं तो छुट्टी के दिन आएगा नोटिस और फिर भागदौड़ की शुरुआत!